संस्कृत भाषा का महत्व एवं रोचक तथ्य
- संस्कृत भाषा विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत भाषा को सभी भाषाओं की जननी (माता) कहा जाता है।
- संस्कृत भाषा उत्तराखण्ड की आधिकारिक भाषा है।
- इसे देवभाषा माना जाता है।
- संस्कृत दिवस सनातन हिन्दु कैलेण्डर (पंचांग) के अनुसार श्रावण-पूर्णिमा पर मनाया जाता है। और पूरे सप्ताह को संस्कृत सप्ताह के रूप में स्वीकार किया गया है।
- NASA के अनुसार, संस्कृत धरती पर बोली जाने वाली सबसे स्पष्ट भाषा है।
- संस्कृत के शब्दकोष (DICTIONARY) में 102 अरब 78 करोड़ 50 लाख शब्द हैं।
- फोर्ब्स मैगजीन ने जुलाई, 1987 में संस्कृत को COMPUTER SOFTWARE के लिए सबसे बेहतर भाषा माना था।
- सुधर्मा संस्कृत का पहला अखबार है 1970 में शुरु हुआ था। आज यह ऑनलाइन उपलब्ध है।
- संस्कृत सीखने से दिमाग तेज होता है और याद करने की शक्ति बढ़ जाती है। इसलिए लंदन और आयरलैंड जैसे देशों ने इसको COMPULSORY SUBJECT बना दिया है।
- वैसे तो दुनिया के हरेक देश में आज संस्कृत की डिमांड है लेकिन जर्मनी में इसकी खासी डिमांड है. अकेले जर्मनी में ऐसी 14 यूनिवर्सिटी हैं जो संस्कृत के कोर्स ऑफर करती हैं.
- भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में संस्कृत को भी सम्मिलित किया गया है। यह उत्तराखण्ड की द्वितीय राजभाषा है।
- संस्कृत भाषा का व्याकरण अत्यन्त परिमार्जित एवं वैज्ञानिक है। पाणिनि अष्टाध्यायी संस्कृत भाषा की व्याकरण का मूलग्रन्थ है।
- महर्षि पतंजलि ने योगसूत्र की रचना की जिससे सारे संसार को योग का ज्ञान प्राप्त हुआ।
- संस्कृत भाषा की लिपि देवनागरी लिपि है। देवनागरी में १३ स्वर और ३३ व्यंजन हैं।
- संस्कृत वाक्यों में शब्दों को किसी भी क्रम में रखा जा सकता है।जैसे - अहं गृहं गच्छामि या गच्छामि गृहं अहम् दोनो ही ठीक हैं।
- संस्कृत भाषा का सबसे प्राचीन काव्य - रा्मायण है । रामायण के रचयिता - महर्षि बाल्मीकि जी है। रामायण में भगवान श्री राम जी के जीवन का वर्णन 24000 श्लोकों में किया गया है।
- संस्कृत का पहला श्लोक है - मा निषाद प्रतिष्ठा त्वमगमः शाश्वती समाः । यत् क्रौञ्चमिथुनादेकमवधी काममोहितम्।।
- संस्कृत भाषा का सबसे बड़ा काव्य ग्रन्थ महाभारत है जिसके रचयिता महर्षि वेदव्यास जी है। जिसमें 100000 (एक लाख) श्लोक हैं। महाभारत का प्राचीन नाम जयसंहिता है।
- संस्कृत भाषा में 4 वेद , 6 शास्त्र, 18 पुराण लिखे गए हैं
- 4 वेद - ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद
- 6 शास्त्र / वेदांग - शिक्षा ,कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छंद. ज्योतिष
अट्ठारह 18 पुराणों के नाम -
- ब्रह्म पुराण
- पद्म पुराण
- विष्णु पुराण
- वायु पुराण
- भागवत पुराण
- नारद पुराण
- मार्कंडेय पुराण
- अग्नि पुराण
- भविष्य पुराण
- ब्रह्म वैवर्त पुराण
- लिंग पुराण
- वराह पुराण
- स्कन्द पुराण
- वामन पुराण
- कूर्म पुराण
- मत्स्य पुराण
- गरुड़ पुराण
- ब्रह्माण्ड पुराण
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