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पितरों की मुक्ति / पितृदोष निवारण हेतु साधना कैसे करें?

🕉 शिवयोग साधना अवधूत बाबा शिवानंद द्वारा मृतसंजीवनी से कैसे करे पित्रों का तर्पण 🕉

॥ नम: शिवाय ॥

श्राद्ध पक्ष सोमवार 20 Sep 2021 पूर्णिमा से बुधवार 06 Oct पित्रमोक्ष अमावस्या

1. श्री बाबाजी के बताये अनुसार शाम्भवी का आह्वान करें और मृतसंजीवनी शक्ति सूर्य देवता पर भेजना आरम्भ करें ।

2. माँ नर्मदा, गंगा, गोदावरी अथवा समुद्र पर श्रद्धा अनुसार मृतसंजीवनी भेजें ।

3. विचारों की शक्ति से धारणा करें की आप जहाँ मृतसंजीवनी भेज रहे है पानी पर वहाँ बड़ा सा कमल है।

4. अब प्रार्थना कर आवाहन करें गुरुदेव से आपके पिताजी, माताजी और पत्नी के पीढ़ी दर पीढ़ी के सभी ज्ञात अज्ञात पित्रों का आवाहन करें और सम्मान पूर्वक कमल पर विराजमान करें।

5. भावपूर्वक कल्पना करें आपके सभी पित्र उस कमल पर विराजमान हो चुकें हैं और उनको मृतसंजीवनी शक्ति देना प्रारम्भ करें करीब 10/15 मिनट तक अथवा जबतक आप हीलिंग प्रार्थना करना चाहें।

6. प्रार्थना करें माँ भगवती की जीवन दायनी शिवयोग शक्ति से, गुरुदेव से और भगवान् शिवशिवा से की वह ब्रह्माण्डीय ईश्वरीय मार्ग (Divine universe path) को खोले आपके पित्रों के लिए और आपके सारे जाने अनजाने पित्तर उस मार्ग से divinity में जा रहे है, ऊँचे लोकों में गमन कर रहे है, आपके किये इस कार्य के लिए आप पर भगवान् शिवशिवा, गुरु और आपके पित्तरों की कृपा बरस रही है।

7. परम पूज्य बाबाजी ने यह भी कहा है की यह क्रिया  श्राद्ध पक्ष के अलावा आप स्वेच्छा से या गमी में साल में 7 दिन कर सकते है, इस प्रकार आप अपने पित्रों को ऊँचे लोक में भेजकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करोगे। एवं पितरों की मुक्ति से पितृदोष निवारण भी होगा और शारीरिक मानसिक एवं आर्थिक उन्नति प्राप्त होगी।

*॥ॐ॥         ॥ नम: शिवाय ॥          ॥ॐ॥*