8) माता महागौरी : देवी का आठवाँ रूप माँ गौरी है। इनका अष्टमी के दिन पूजन का विधान है। इनकी पूजा सारा संसार करता है। पूजन करने से समस्त पापों का क्षय होकर कांति बढ़ती है। सुख में वृद्धि होती है, शत्रु-शमन होता है।कपाल के ऊपर (सहस्रार चक्र के ऊपर) ध्यान कर इनको जपा जाता है। इनकी साधना से अलौकिक सिद्धियां प्राप्त होती हैं। असंभव से असंभव कार्य पूर्ण होते हैं। शांभवी मुद्रा में जप एवं ध्यान अत्यंत लाभकारी है।
'ह्रीं गौरी रुद्रदयिते योगीश्वर्यै हुं फट् स्वाहा ।'