Class 7 Sanskrit Chapter 13
त्रयोदशः पाठः- अमृतं संस्कृतम्
Question 1: उच्चारणं कुरुत-
उपलब्धासु | सङ्गणकस्य |
चिकित्साशास्त्रम् | वैशिष्ट्यम् |
भूगोलशास्त्रम् | वाङ्मये |
विद्यमानाः | अर्थशास्त्रम् |
ANSWER: विद्यार्थी इसका स्वयं उच्चारण करें।
Question 2: प्रश्नानाम् एकपदेन उत्तराणि लिखत-
(ख) शून्यस्य प्रतिपादनं कः अकरोत्?
(ग) कौटिल्येन रचितं शास्त्रं किम्?
(घ) कस्याः भाषायाः काव्यसौन्दर्यम् अनुपमम्?
(ङ) काः अभ्युदयाय प्रेरयन्ति?
ANSWER:
(क) संस्कृत भाषा प्राचीनतमा।
(ख) शून्यस्य प्रतिपादनं आर्यभटः अकरोत्।
(ग) कौटिल्येन रचितं शास्त्रं अर्थशास्त्रं अस्ति।
(घ) संस्कृत भाषायाः काव्यसौन्दर्यम् अनुपमम्।
(ङ) संस्कृते विद्यमानाः सूक्तयः अभ्युदयाय प्रेरयन्ति।
Question 3: प्रश्नानाम् उत्तराणि एकवाक्येन लिखत-
(क) सङ्णकस्य कृते सर्वोत्तमा भाषा का?
(ख) संस्कृतस्य वाङ्मयं कैः समृद्धमस्ति?
(ग) संस्कृत किं शिक्षयति?
(घ) अस्माभिः संस्कृतं किमर्थं पठनीयम्?
ANSWER:
(क) सङ्णकस्य कृते सर्वोत्तमा भाषा संस्कृत अस्ति।
(ख) संस्कृतस्य वाङ्मयं वेदैः पुराणैः नीतिशास्त्रैः चिकित्साशास्त्रादिभिश्च समृद्धमस्ति।
(ग) संस्कृत सर्वभूतेशु आत्मवत् व्यवहारं कर्तुं संस्कृत शिक्षयति।
(घ) अस्माभिः संस्कृतं अवश्यमेव पठनीयम् तेन मनुष्यस्य समाजस्य च परिष्कारः भवेत्।
Question 4: इकारान्त-स्त्रीलिङ्गशब्दरूपम् अधिकृत्य रिक्तस्थानानि पूरयत-
गति (प्रथमा) | गतिः | गती | गतयः |
मति (प्रथमा) | .............. | .............. | मतयः |
बुद्धि (द्वितीय) | बुद्धिम् | बुद्धि | बुद्धीः |
प्रीति (द्वितीय) | .............. | प्रीती | .............. |
नीति (तृतीया) | नीत्या | नीतिभ्याम् | नीतिभिः |
शान्ति (तृतीया) | .............. | .............. | शान्तिभिः |
मति (चुतर्थी) | मत्यै/मतये | मतिभ्याम् | मतिभ्यः |
प्रकृति (चुतर्थी) | ........../........... | प्रकृतिभ्याम् | .............. |
कीर्ति (पञ्चमी) | कीर्त्याः/कीर्तेः | कीर्तिभ्याम् | कीर्तिभ्यः |
गीति (पञ्चमी) | ........./............ | गीतिभ्याम् | .............. |
सूक्ति (षष्ठी) | सूक्तेः/सूक्त्याः | सूक्त्योः | सूक्तीनाम् |
कृति (षष्ठी) | ........../........... | .............. | कृतीनाम् |
धृति (सप्तमी) | धृतौ/धृत्याम् | धृत्योः | धृतिषु |
भीति (सप्तमी) | भीतौ/.............. | .............. | .............. |
मति (सम्बोधन) | हे मते! | हे मती! | हे मतयः! |
ANSWER:
गति (प्रथमा) | गति: | गती | गतय: |
मति (प्रथमा) | मति: | मती | मतय: |
बुद्धि (द्वितीया) | बुद्धिम् | बुद्धि | बुद्धी: |
प्रीति (द्वितीया) | प्रीतिम् | प्रीती | प्रीती: |
नीति (तृतीया) | नीत्या | नीतिभ्याम् | नीतिभि: |
शान्ति (तृतीया) | शान्त्या | शान्तिभ्याम् | शान्तिभि: |
मति (चतुर्थी) | मत्यै/मतये | मतिभ्याम् | मतिभय: |
प्रकृति (चतुर्थी) | प्रकृत्यै/प्रकृतये | प्रकृतिभ्याम् | प्रकृतिभ्य: |
कीर्ति (पञ्चमी) | कीर्त्या:/कीर्ते | कीर्तीभ्याम् | कीर्तिभ्य: |
गीति (पञ्चमी) | गीत्या:/गीत्ये | गीतिभ्याम् | गीतिभ्य: |
सूक्ति (पष्ठी) | सूक्ते:/सूक्तया: | सूक्त्यो: | सूक्तीनाम् |
कृति (षष्ठी) | कृते:/कृत्या | कृत्यो: | कृतीनाम् |
धृति (सप्तमी) | धृतौ/धृत्याम् | धृत्यो: | धृतिषु |
भीति (सप्तमी) | भीतौ/भीत्याम् | भीत्यो: | भीतिषु |
मति (सम्बोधन) | हे मते! | हे मती! | हे मतय:! |
Question 5: रेखाङ्कितानि पदानि अधिकृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-
(क) संस्कृते ज्ञानविज्ञानयोः निधिः सुरक्षितोऽस्ति।
(ख) संस्कृतमेव सङ्गणकस्य कृते सर्वोत्तमा भाषा।
(ग) शल्यक्रियायाः वर्णनं संस्कृतसाहित्ये अस्ति।
(घ) वरिष्ठान् प्रति अस्माभिः प्रियं व्यवहर्त्तव्यम्।
ANSWER:
(क) संस्कृते ज्ञानविज्ञानयो: क: सुरक्षितोऽस्ति?
(ख) संस्कृतमेव कस्य कृते सर्वोत्तमा भाषा?
(ग) शल्यक्रियाया: वर्णनं कस्याम् अस्ति?
(घ) कान् प्रति अस्माभि: प्रियं व्यवहर्त्तव्यम्?
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Question 6:
उदाहरणानुसारं पदानां विभक्तिं वचनञ्च लिखत-
पदानि | विभक्तिः | वचनम् |
यथा- संस्कृतेः | षष्ठी | एकवचनम् |
गतिः | ............. | ............. |
नीतिम् | .......... | .......... |
सूक्तयः | .......... | .......... |
शान्त्या | .......... | .......... |
प्रीत्यै | .......... | .......... |
मतिषु | .......... | .......... |
ANSWER:
पदानि | विभक्ति | वचनम् | |
यथा- | संस्कृते: | षष्ठी | एकवचनम् |
गति: | प्रथमा | एकवचनम् | |
नीतिम् | द्वितीया | एकवचनम् | |
सूक्तय: | द्वितीया | बहुवचनम् | |
शान्त्या | तृतीया | एकवचनम् | |
प्रीत्यै | चतुर्थी | एकवचनम् | |
मतिषु | सप्तमी | बहुवचनम् |
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Question 7:
यथायोग्यं संयोज्य लिखत-
यथायोग्यं संयोज्य लिखत-
क | ख | |
कौटिल्येन | अर्थशास्त्रं रचितम्। | |
चिकित्साशास्त्रे | चरकसुश्रुतयोः योगदानम्। | |
शून्यस्य आविष्कर्ता | आर्यभटः। | |
संस्कृतम् | ज्ञानविज्ञानपोषकम् | |
सूक्तयः | अभ्युदयाय प्रेरयन्ति। |